आज की इस post में कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बात करेंगे जिन्हें ज्यादातर ब्लॉगर सच मानते हैं, जी हाँ हम लोगों के बीच बहुत से SEO myths या झूठ पल रहे हैं जो किसी भी प्रकार से सत्य नहीं हैं। कुछ समय पहले हुए Google events में भी search engine optimization के बारे में भी कुछ ऐसी बातें बतायीं गयीं जिन्हें सुनकर कुछ लोग shocked हो गए हैं। जिसकी वजह से ब्लॉगर के दिमाग में कुछ SEO से related confusion पैदा हो गयी है। इसलिए यहाँ हम 8 ऐसे ही SEO myths के बारे में बात करेंगे और उसके truth को आपके सामने रखेंगे जिससे आपकी confusion दूर हो जाएगी।
कुछ समय पहले कुछ शहरों में google events हुए थे जिसमें बहुत से bloggers गए और google के द्वारा बताई गई बातों को अच्छे से सुना। लेकिन इन events में कुछ ब्लॉगर ने SEO related questions पूछे तो जो जवाब मिला उसे सुनकर कुछ लोगों के होश ही उड़ गए।
कुछ लोग इन events को time खराब करने वाला भी बोलने लगे। और बोलते भी क्यों न ? क्योंकि google ने उन blogger को truth बताया था जिसे वो ठीक से समझ ही नहीं पाए और इसी नासमझी की वजह से कई तरह के misconseption का जन्म हो गया।
सबसे पहले में आपसे यही कहूँगा कि events में जो कहा गया वो सच है। हाँ हो सकता है थोड़ा बहुत इधर उधर हो गया हो। लेकिन ज्यादातर ब्लॉगर को search engine optimization के बारे में ज्यादा जानकारी ना होने की वजह से और google इवेंट्स में अधूरा जवाब देने की वजह से लोगों को सब कुछ झूठा लगने लगा।
में यहाँ आपको कुछ ऐसे भी seo myths के बारे में बताउँगा जो पहले से लोगों के दिमाग में बैठे हुए हैं और कुछ गूगल इवेंट्स की वजह से ब्लॉगर confuse हो गए हैं।
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8 SEO related झूठ (SEO Myths) जिन्हें हम लोग सच मानते हैं
आपने बहुत सी ऐसी website देखी होंगी जो search engine optimization से related जानकारी देते हैं और उन्हें follow करके प्रत्येक new blogger अपने ब्लॉग का seo करता है, और इसका फायदा भी होता है।
लेकिन यदि हम ये कहें कि किसी को भी google algorithm के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो ऐसा कहना कोई गलत नहीं होगा। Actually गूगल कभी भी अपना secrate किसी के साथ share नही करता वर्ना new website search result में show ही नहीं होंगी।
अब कई सवाल यहीं से उत्पन्न होने लगते हैं कि फिर इतनी सारी जानकारी professional bloggers को कैसे मालूम ? इनके द्वारा दी गयी जानकारी से लोगों को फायदा क्यों होता है ? क्यों new website search page में आने लगती है प्रो blogger की जानकारी को follow करके। इस तरह के कई सवाल लोगों के मन मे आना स्वाभाविक है। जिनका सटीक जवाब देना बहुत ही मुश्किल होता है।
अब में थोड़ा उन सवालों पर अपना तर्क आपके सामने रखना चाहूँगा जो Google events की वजह से SEO myths बनकर रह गए हैं।
1. SEO कैसे करना चाहिए ?
ये सवाल इवेंट्स में बहुत पूछा गया कि हम अपनी website का search engine optimization कैसे करना चाहिए जिससे जल्दी ramking और traffic increase हो जाये ?
ये सवाल बहुत ही funny है क्योंकि आप google से उसकी algorithm या strategy के बारे में पूछ रहे थे जिसे वो कभी भी share नहीं करता। क्योंकि गूगल की नजर में इस तरह की कोई method और process नहीं होती। वो हमेशा बहुत सालों से यही कहता आ रहा है कि आप content को सिर्फ users या readers के लिए लिखिए, इसके अलावा कोई search engine optimization method नहीं होती।
अब आप सोचेंगे कि तो फिर अच्छा है इस SEO के चक्कर में क्यों पड़ा जाए जब उसकी जरूरत ही नहीं है। लेकिन आप यदि सिर्फ readers के लिए content लिखेंगे तो आपकी site को popular होने में 5-10 years से भी ज्यादा का समय लगेगा। और यदि आप SEO और users दोनों के हिसाब से अपने content को share करेंगे तो आपकी site पर 6 months में ही high search traffic आ सकता है।
Search engine optimization कोई ऐसी process नहीं है जिसे Google ने share किया हो, ये सिर्फ वो trick होती है जिसे कुछ blogger ने अपने mind से बनाया है और इसमें हजारों experiance bloggers का योगदान है। किसी ने कुछ research किया तो किसी ने कुछ। और ये सिलसिला कभी खत्म नहीं हो सकता क्योंकि google algorithm update समय समय पर आता रहता है जिसके हिसाब से SEO में भी कुछ बदलाव होते रहते हैं।
यदि में सीधी बात करूँ तो search engine optimization एक black hat method ही है। लेकिन इसको profit और loss के हिसाब से white hat seo और black hat seo दो parts में devide कर दिया गया है।
मतलब यदि आप over optimization करते हैं तो ब्लैक हैट और normaly तरीके से content optimization करते हैं तो white hat हो जाता है जिसे google algorithm accept करती है। मतलब इससे हमारी site को जल्दी फायदा होता है और google भी कोई problem नहीं होती।
अब आप खुद ही सोचिये, यदि आप गूगल से SEO के बारे में पूछेंगे तो वो यही जवाब देगा ना कि users के लिए content लिखिए।
2. Keyword density कितनी रखनी चाहिए ?
इवेंट्स में इस सवाल को भी खूब पूछा गया कि content में सही कीवर्ड density क्या होनी चाहिए। जिसके बाद जवाब ये मिला कि कीवर्ड density का कोई मतलब नहीं होता, सिर्फ readers को ध्यान में रखकर content लिखिए।
जब गूगल पहले ही clear बोल चुका है कि सिर्फ अपने users के हिसाब से content लिखना चाहिए, तो अब इस तरह के सवाल पूछकर क्या हासिल होगा ये तो सवाल पूछने वाला ही जनता होगा, मेरी नजर में तो ये question भी सिर्फ एक मजाक ही है।
लगभग सभी ब्लॉगर 0.5-2.5% तक density रखते हैं और यही कठोर सत्य है। यदि आपको doubt हो तो एक काम कीजिये, एक ऐसी website बनाइये जिस पर सिर्फ users के लिए content लिखिए और एक अलग website पर seo use कीजिये फिर आपको जो result मिलेगा उससे आप खुद समझ जायेंगे कि Google सच बोलता है या Experienced bloggers झूठ बोलते हैं।
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3. Content की length कितनी होनी चाहिए ?
इस question को भी google events में बहुत पूछा गया था कि जल्दी rank करने के लिए पोस्ट में कितने words होने चाहिए या पोस्ट कितने words में लिखना जरूरी है ? जिसका जवाब गूगल ने ये दिया था कि content length कोई मायने नहीं रखती। में भी इस जवाब से कुछ हद तक agree करता हूँ।
लेकिन मेरा कहना इस पर थोड़ा सा different है। मान लीजिए यदि आप कोई post 300 words में लिखते हैं तो उसमें मुस्किल से 2 या 3 keywords ही add कर पायेंगे, और यदि post 1000 words में है तो आप और ज्यादा keywords और queries को mention कर सकते हैं। ज्यादा headings use कर सकते हैं जिसमें keyword का बहुत ज्यादा महत्व होता है। अपने users को उस topic के बारे में complete information दे सकते हैं जिससे regular traffic improve होता है।
तो कहने का मतलब है कि कोई भी reader अधूरी जानकारी वाली पोस्ट पसंद नहीं करता। इसलिए blog की search ranking को जल्दी improve करने के लिए किसी भी टॉपिक के बारे में complete जानकारी देना ज्यादा अच्छा होता है।
इसका मतलब ये भी नहीं है कि 300 words की पोस्ट rank नहीं करेगी। बिल्कुल रैंक करेगी लेकिन ये टॉपिक पर depend करता है। यदि आप कोई short topic select करते हैं तो 250-500 words काफी हैं। और इस तरह के topic को 2000 words में लिखोगे तो कोई मतलब नहीं निकलेगा और readers भी read करना पसंद नही करेंगे।
यदि कोई बड़ा टॉपिक है तो उसे आप बेसक 1000-2000+ words में लिख सकते हैं क्योंकि कम वर्ड्स में उसे describe कर पाना possible नहीं है। इस तरह की पोस्ट में ज्यादा keywords आ जाते हैं जिससे search rank जल्दी boost हो जाती है।
4. Fetch as google से post जल्दी index होती है ?
ये search console का feature है जिसे कुछ लोग अपनी पोस्ट को fast index करवाने के लिए use करते हैं। ये बिल्कुल झूठ है ऐसा कुछ भी नहीं है। ये सिर्फ उन लोगों की मनगढ़त कहानी है जिन्हें search engine crawling और indexing के बारे में बिल्कुल पता नहीं होता और ना ही वो किसी दूसरे bloggers की बात पर गौर करते हैं।
Fetch as google से सिर्फ हम लोग यह check कर सकते हैं कि हमारी post जब google bots crawl करेंगे तो search result में किस प्रकार show होगी। इसे हम demo भी कह सकते हैं। यदि कोई कहता है कि इससे seo का फायदा है तो सिर्फ इसे seo myths ही कह सकते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि fetch as google ज्यादा use करने से blog की ranking खराब हो जाती है, जो कि पूरी तरह झूठ है। आप अपने content को daily fetch करें या कभी ना करें इससे ranking या blog seo पर कोई impact नहीं पड़ता।
5. Guest posting अब Blog SEO के लिए फायदेमंद नहीं
आपने बहुत से blogs पर read किया होगा कि अब आज के समय में guest blogging करने से blog को कोई फायदा नहीं होता, ये बिल्कुल झूठ है और ये सिर्फ seo myths ही है। क्योंकि guest post करने से blog की ranking बहुत ही fast तरीके से improve होती है।
लेकिन हाँ हमें इसके लिए सही website का selection करना जरूरी होता है। हमें ऐसी website पर guest post डालनी होती है जो आपके blog topics से related हो और उसकी domain authority भी बढ़िया हो।
6. Paid SEO Service से blog top पर नहीं आता
मुझे ठीक से तो याद नहीं पर हाँ मैने ऐसा किसी ब्लॉग पर read किया है कि जो लोग paid SEO service देते हैं वो सिर्फ मूर्ख बनाते हैं, इसे seo myths ही कहा जा सकता है क्योंकि ये पूरी तरह झूठ है। आज के समय में बहुत सी ऐसी agencies हैं जो इस तरह की service provide करती हैं और उसका वो पैसे लेतीं है।
Paid SEO service से भी हम अपने ब्लॉग को search engine में top पर ला सकते हैं इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। लेकिन हाँ आपको इसके लिए सही जगह से service को लेना चाहिए।
इसका मतलब ये नहीं है कि हम अपनी साइट को बिना पैसे खर्च किये top नहीं ला सकते, बिल्कुल ला सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको खुद सही तरीके से मेहनत करनी होगी।
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7. Website की sitemap submit करने से ranking जल्दी boost होती है
यदि ऐसा कोई कहता है तो उसे seo myths का शिकार ही कहा जा सकता है क्योंकि ऐसा नहीं होता, किसी भी ब्लॉग की sitemap submit इसलिए की जाती है जिससे कि जब भी हमारे ब्लॉग पर कोई new पोस्ट publish हो तो google bots को इसके बारे में जल्दी और automatically information मिल जाये, जिससे आपको new post के बारे में गूगल को या other search engine को manually नहीं बताना पड़े।
क्योंकि manually बताने के लिए हमें post को search engine में ping करना पड़ता है जिसके बाद bots को update के बारे में मालूम चलता है, जिससे हमारा बहुत सारा समय बर्बाद होता है।
जब भी हम अपने blog की old post को update करते हैं तो sitemap के द्वारा search engine को automatically पता चल जाता है और वो उसे crawl एवं index कर लेता है।
8. Hindi blogs के लिए English website से backlink नही बना सकते
ये भी हिंदी ब्लॉगर के बीच बहुत बड़ा seo myths ही है कि english blog से हिंदी ब्लॉग के लिए link building नहीं कर सकते। क्यों नहीं कर सकते ? बिल्कुल links बना सकते हैं। लेकिन हमें इस बात पर गौर करना होगा कि हम किस तरह की linking कर रहे हैं।
यदि हम profile links बना रहे हैं तो हम किसी भी ऐसी website से बना सकते हैं जिसकी authority बहुत ही high हो। यदि हम commenting करके links बना रहे हैं तो DA के साथ साथ PA भी अच्छा होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि हिंदी को सिर्फ india में ही read किया जाता हो कई लोग इंडिया से बाहर रहते हैं उनमें से भी कुछ लोग इस language को read करते हैं।
इसलिए backlinks कहीं से भी बना सकते हैं लेकिन ध्यान रहे इसका भी एक अपना तरीका होता है जिसे follow करना होता है, नहीं तो algorithm penalty भी लग सकती है। SEO myths के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए Nail Patel की post पढ़ सकते हैं।
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आशा करता हूँ कि आपको in 8 seo myths के बारे में समझ आ गया होगा और आपकी confusion भी दूर हो गयी होगी, यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल है तो comment करके पूछ सकते हैं, और यदि आप Google events में गए थे और कोई ऐसा question का जवाब मिला जिससे confuse हुए हैं तो उसे भी हमारे साथ comment करके share कर सकते हैं। यदि post अच्छी लगे तो share करना बिलकुल ना भूलें।
Akash says
nice bro thnks for share.
Shaikh Muneer says
Bahut badiya is jankari se kai sare logo ke confusion clear ho jayege good share..
viram singh says
bahut badiya jankari . sir plz meri website ko dekhkar btae ki isme kya kmi h jiski vjh sr daily 200-300 hi page views aate h.
mujhe kya krna chahie plz help me
Surendra Singh says
Jyada post daliye aur kuchh badhiya quality ki backlinks banaiye.
Juhi Rani says
Kisi bhi website ki PA or DA kaise malum kar sakte hain or PA or DA kitni honi chahiye ?
Surendra Singh says
Domain authority aur page authority ko Moz website par check kar sakte hai.
Sant Lal says
Bro ,kuch websites maine dekhi hai jo ek peragraph hindi me likhte hai aur uske niche same wo hi baate wo Hinglish me likhte hai. Aap mujhe btaye wo aesa kyon krte hai. Kya ess se koi fayda hota hai?
Surendra Singh says
Aisa karna bilkul theek nahi hai baad me problem hogi, kisi ek hi language ko use karna chahiye.
Manish says
Bro unko Hindi typing nahi aata WO log online heading ko Hindi me likh lete hai baki sab Hindi language me English me type karte hai
And
Sir ne bahut achhe se samjhaya jisse confusion hat gayi
kunal jadhav says
kya aap geust post accept karte hai..
Manish says
Sir sab kuch likha aapne but paid back link ke liye kis site ko choose Karen aapne nahi bataya
Please bataiye sabse achhi paid services dene wali website koun si hai
Surendra Singh says
Me paid backlinks ko recommend nahi karta ye sirf events blogging ke liye theek hoti hai long term ke liye nahi.
sandeep says
Very nice and descriptive information. Keep up the good work.